उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए यह घोषणा की है कि यूपी पुलिस में सिपाही के 60244 पदों के लिए यूपी पुलिस भर्ती को निरस्त किया जाएगा और इसे छह महीने के अंदर ही पुनः आयोजित किया जाएगा।
सीएम योगी ने यह निर्णय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा करने के बाद किया। पूरी प्रक्रिया में डीजीपी प्रशांत कुमार, एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
इस परीक्षा में करीब 50 लाख युवा ने आवेदन किया था, और 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। हालांकि, परीक्षा के बाद बड़े संख्या में अभ्यर्थियों ने पेपर लीक होने का आरोप लगाया था, जिस पर मुख्यमंत्री योगी ने कड़ा कदम उठाते हुए पुनः परीक्षा कराने का निर्णय लिया है।
सीएम ने दी गई बयान में कहा, “परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वाले किसी भी दशा में बख्शे नहीं जाएंगे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।”
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इस घड़ी में मुख्यमंत्री योगी ने एसटीएफ को सख्ती से जांच करने के लिए निर्देश दिए हैं और गौरतलब है कि एसटीएफ ने अब तक 300 से अधिक गिरफ्तारियां की हैं जो परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने का आरोप लेकर थीं।
इस घड़ी में यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने इंटरनल जांच के लिए एक जांच कमेटी की गठन किया है, जिसका अध्यक्ष ADG अशोक कुमार सिंह हैं। इस कमेटी की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी और दूध का दूध, पानी का पानी होगा।
इसके अलावा, बीते शुक्रवार को पुलिस भर्ती बोर्ड ने सभी अभ्यर्थियों से शिकायत दर्ज करने के लिए ईमेल द्वारा आवेदन करने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद तकरीबन 1500 शिकायतें आई हैं, जो पुलिस भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं की रिपोर्ट करती हैं।
इसके साथ ही, कुछ शिक्षक और अभ्यर्थियों ने भारतीय पुलिस बोर्ड के समक्ष प्रेजेंटेशन देकर अपने आप को सुनाया कि क्यों वे यकीन रखते हैं कि परीक्षा में गड़बड़ी हुई है।
यहां तक कि सरकार ने उप्र पुलिस आरक्षी (सिपाही) के पदों पर चयन के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त करने और पुनः परीक्षा कराने का निर्देश भी दिया है।
यह समाचार उत्तर प्रदेश में युवाओं के बीच बढ़ते असंतोष को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है। यह भी साबित करता है कि शिक्षा और भर्ती प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता की महत्वपूर्णता होती है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि भर्ती परीक्षा के प्रक्रिया को पूरी तरह से जांचा जाएगा और योग्यता के आधार पर ही उम्मीदवारों को चयन किया जाएगा।
यह निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार की दृढ़ता को प्रकट करता है कि वह अनियमितता और अनुचितता के खिलाफ कड़े कदम उठाने को तैयार है। यह भी दिखाता है कि सरकार युवाओं की मेहनत और संघर्ष को समझती है और उनके हित में कड़े निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध है।