टाइप 1 डायबिटीज: जानिए क्या है, लक्षण, कारण, उपाय !

टाइप 1 डायबिटीज
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टाइप 1 डायबिटीज क्या है?

टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से शरीर के पेंक्रियाज के बीटा सेल्स को खत्म कर देता है। ये बीटा सेल्स शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करती हैं, जो खून में शुगर को उचित मात्रा में लाती है। पर जब बीटा सेल्स नष्ट हो जाते है तो पैंक्रियाज इंसुलिन कम बनाता है या फिर बना ही नही पाता, इसका परिणाम यह होता है खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।

यह परेशानी आमतौर पर बच्चों और युवाओं में हो जाती है, परंतु यह किसी भी उम्र में हो सकती है। इसके लक्षण में शामिल हैं: अचानक वजन कम होना, बार-बार भूख लगना, प्यास लगना, थकावट होना, चक्कर आना, धुंधला दिखना, और शरीर में कमजोरी।

टाईप 1 डायबिटीज़ का इलाज़ आमतौर पर इंसुलिन इंजेक्शन और सही आहार-व्यवहार के माध्यम से किया जाता है। अगर इसे समय पर कंट्रोल नहीं किया गया, तो यह किडनी, आँख, नस, और नसों की समस्याओं जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

टाइप 1 डायबिटीज के मुख्य लक्षण क्या है?

  • 1. बार-बार प्यास: अचानक प्यास लगना और बहुत ज्यादा गला सूख जाना।
  • 2. बार-बार बाथरूम जाना: बहुत ज्यादा बाथरूम आती है और बार-बार बाथरूम जाने की जरूरत पड़ती है।
  • 3. वजन कम होना: शारीरिक शक्ति की कमी के कारण अचानक वजन कम हो सकता है।
  • 4. बुखार या थकान: अचानक थक जाना, कमजोरी का अनुभव या बुखार के लक्षण हो सकते हैं।
  • 5. बहुत ज्यादा भूख: शरीर में कमजोरी के कारण , बहुत ज्यादा भूख लगती है या फिर भूख जैसा लगता है।
  • 6. नजर कमजोर: खून में शुगर बढ़ जाने के कारण नजर कमजोर होने लगती है और धुंधला नजर आने लगता है।

    अगर उपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी लक्षण नजर आए, तो जल्द से जल्द शुगर के डॉक्टर को दिखाएं और जरूरी जांचे करवाए। ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके।
टाइप 1 डायबिटीज
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टाइप 1 डायबिटीज के मुख्य कारण ?

  • 1. ऑटोइम्यून रोग: टाइप 1 डायबिटीज़ में, शरीर का खुद का इम्यून सिस्टम गलती से पंक्रियास के बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जो कि इंसुलिन उत्पन्न करती हैं।
  • 2. आनुवंशिक: आनुवंशिक मतलब अगर आपके परिवार में किसी को पहले से ये बीमारी है तो हो सकता है ये आपको उन्ही से विरासत में मिली हो।
  • 3. वायरल: कुछ वायरल संक्रमण जैसे कि मंज़रिया या गर्डिया इस बीमारी के विकास का कारण बन सकते हैं।
  • 4. जन्म से : शरीर में जन्म से ही इंसुलिन का काम बनना भी इस बीमारी को उत्पन्न कर सकता है।
  • 5. साइड इफेक्ट: कभी कभी कुछ दवाइयों का अत्याधिक सेवन करना और किसी खाने की चीज से भी साइड इफेक्ट हो सकता है।

टाइप 1 डायबिटीज का इलाज़?

  • इंसुलिन इंजेक्शन: डायबिटीज के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण उपाय है इंसुलिन का उपयोग करना। इसके लिए डॉक्टर द्वारा बताया गया इंसुलिन इंजेक्शन का समय-समय पर पालन किया जाना चाहिए।
  • सही खान पान: सही और शुद्ध खाना पीना, डायबिटीज़ की समस्या को कम कर सकता है । इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, और फैट्स की सही मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। जरूरत से ज्यादा खाना भी नुकसान दायक हो जाता है इसलिए इन बातों का ध्यान रखकर आप ब्लड शुगर को मैनेज कर सकते है।
  • रोजाना व्यायाम: रोजाना कशरत करने से या कोई भी शारीरिक गतिविधि करने से ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद हो जाती है।
  • स्वास्थ्य देखभाल: डायबिटीज के लिए नियमित रूप से खून में शुगर को नापना और डॉक्टर की सलाह लेना और उसके अनुसार पालन करना जरूरी है।
  • तनाव मुक्त रहना: तनाव लेने से ब्लड शुगर पर बहुत असर होता है, इसलिए हमे ध्यान रखना चाहिए की ज्यादा तनाव न हो, इसके लिए हम ध्यान और योग का सहारा ले सकते है। और जरूरत पड़ने पर सलाहकार से सलाह लें।

क्या, टाईप 1 डायबिटीज़ कभी ठीक नही हो सकती?

हां, दुःख के साथ कहना पड़ेगा की, टाइप 1 डायबिटीज का पूरी तरह से ठीक होना संभव नहीं है। यह एक ऐसा रोग है जिसमें पेंक्रियाज की बीटा सेल्स खतम हो जाती हैं और इनका पुनः उत्पन्न होना लगभग संभव नहीं है।

टाइप 1 डायबिटीज

हालांकि, सही उपचार, खानपान, और नियमित जीवनशैली के माध्यम से डायबिटीज को प्रबंधित किया जा सकता है ताकि इसके द्वारा होने वाली संभावित नुकसान को कम किया जा सके। उचित इंसुलिन का प्रयोग करना, नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लेना, सही खान पान और व्यायाम, और अन्य संभावित उपायों का पालन करके, डायबिटीज की समस्या और संबंधित समस्याओं को कम किया जा सकता है।

जरूरत से ज्यादा इंसुलिन लेने से क्या होगा?

अधिक इंसुलिन लेने से शुगर की मात्रा कम हो सकती है और हाइपोग्लाइसेमिया या लो ब्लड शुगर का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, अधिक इंसुलिन लेने से वजन बढ़ सकता है, मेटाबोलिक सिंड्रोम या डायबिटीज़ के लिए रिस्क बढ़ सकता है।

शरीर में लो- शुगर के मुख्य लक्षण:

  • 1. चक्कर आना
  • 2. भूख लगना
  • 3. थकान या कमजोरी
  • 4. चिंता या अशांति
  • 5. भूख लगना
  • 6. तेजी से दिल की धड़कनें बढ़ जाना
  • 7. भारी हंसी या भयानक चेहरा
  • 8. अक्सर पसीना आना और हड्डियों का कांपना

अगर इनमे से कोई भी लक्षण दिखते है तो तुरंत कुछ मीठा खाएं और डॉक्टर से संपर्क करे।

ब्लड शुगर ज्यादा लो होने पर व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है और जान का खतरा भी हो सकता है , इसलिए तुरंत इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है।


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