अक्सर जब भी हमें हिचकी (Hiccups) आती है तब हमें ऐसा लगता है की शायद हमें कोई याद कर रहा है. हालांकि ये आना बहुत ही आम बता है जो कभी भी और किसी को भी आ सकती है. आपको भी कई बार हिचकियां आई होंगी और जिसे रोकने के लिए आपने विभिन्न उपाय किए होंगे. कई बार हिचकी कुछ समय के लिए ही आती है लेकिन कई बार ये लंबे समय तक आती रहती है और रुकने का नाम नहीं लेती, जिससे हमें परेशानी होने लगती है. ऐसे में आइए जानते हैं हिचकी क्यों आती है और इसे रोकने के उपाय क्या है.
हिचकी क्या है?
हिचकी, जिसे सिंगुल्टस (Singultus) भी कहा जाता है, यह एक आम समस्या है जो कभी भी और किसी को भी हो सकती है. जब किसी को ये आती है तब ‘हिच’ या ‘हिक’ की आवाज आती है. आमतौर पर यह केवल कुछ समय के लिए ही आती है जो बिना किसी उपचार के ठीक हो जाती है वही कई बार यह लंबे समय तक भी आती है जिसका उपचार करना आवशक हो जाता है.
हिचकी क्यों आती है?

यू तो हिचकी कई कारणों से आ सकती है लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो इनका का संबंध सीधे हमारी सांसों से होता है. जब हमारे डाइजेशन या रेस्पिरेट्री सिस्टम में गड़बड़ी और ज्यादा हलचल होती है तब अक्सर हिचकी आना शुरू हो जाती है. जब भी हम सांस लेते है तब पेट और फेफड़ों के बीच स्थित डायाफ्राम सांस को नीचे की ओर खींचता है और सांस छोड़ने पर यह आराम की स्थिति में वापस आ जाता है.
वैसे तो डायाफ्राम अपने तय तरीके से कार्य करता है लेकिन जब इसे किसी प्रकार की कोई दिक्कत महसूस होती है तब यह सिकुड़ने लगता है या इसमें ऐंठन होने लगती है. इसके कारण हवा गले से रुक जाती है और आवाज निकलने वाली नली, जिसे वोकल कॉर्ड भी कहते हैं, उसमे कुछ वक्त के लिए रुकावट आ जाती है और जिससे ’हिक’ या ’हिच’ की आवाज आती है. इस समस्या को ही आम भाषा में हिचकी आना कहा जाता है.
कुछ अन्य कारण.
- 1. जलद्वाजी में खाना और पीना: जल्दी जल्दी खाना खाने या कुछ पीने से हिचकियां आ सकती है.
- 2. गर्म या मसालेदार भोजन करने से: अक्सर गर्म और अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करने से हिचकियां आने लगती है.
- 3. शराब का सेवन: कई बार शराब के अधिक सेवन से भी हिचकियां आना शुरू हो जाती है.
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हिचकियां रोकने के उपाय क्या है?
आपने अपने बुजुर्गो ने हिचकी रोकने से कई उपाय सुने होंगे जो काफी असरदार और सरल उपाय थे, ऐसे ही कुछ उपाय ये है जिनका उपयोग आप हिचकी रोकने के लिए कर सकते है.
- 1. पानी पीना: यह हिचकियां रोकने का सबसे आसान और बहुत आम उपाय है जिसे लगभग हर कोई अपनाता है जब उसे हिचकी आती है. पानी को छोटे छोटे घूंट में पीना है जिससे हिचकी रुक जायेगी.
- 2. अपनी सांस रोककर रखे: हिचकियां रोकने के लिए गहरी सांस ले और जब तक आप आराम से सांस रोक सकते है तब तक रोककर रखें. रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, जो डायाफ्राम को आराम दे सकता है और हिचकी को रोक सकता है.
- 3. घुटनों को छाती से लगाना: सबसे पहले बैठ जाएं और अपने घुटनों को छाती की तरफ लाएं, फिर अपनी छाती को दबाने के लिए आगे की ओर झुकें. यह प्रक्रिया डायाफ्राम को आराम देने और संभावित रूप से हिचकी रोकने में मदद कर सकती है.
- 4. ध्यान भटकाए: हिचकी रोकने का एक तरीका ध्यान भटकाना है. हिचकी पर ध्यान न देकर किसी ओर बात या कार्य पर फोकस करने से हिचकियां रुक सकती है. हालाकि यह थोड़ा मुश्किल है लेकिन यह उपाय काफी असरदार है.
- 5. पेपर बैग: हिचकी रोकने के लिए आप एक पेपर बैग का इस्तमाल भी कर सकते है. इसके लिए आप एक पेपर बैग लें और उसमें धीरे-धीरे गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते छोड़ते बैग को फुलाएं. ऐसा करने से खून में कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर को बढ़ाया जा सकता है और ज्यादा ऑक्सीजन लेने के लिए डायाफ्राम कॉन्ट्रेक्ट को और ज्यादा गहरा कर सकता है. ध्यान रखे इस प्रक्रिया में केवल पेपर बैग का ही इस्तमाल करें, प्लास्टिक बैग का नहीं.
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