विभिन्न प्रकार की होली: विभिन्न जगहो पर!

विभिन्न प्रकार की होली
Spread the love

कहीं फूलों की होली, तो कहीं पत्थर मार होली, जाने देश के विभिन्न जगहों पर विभिन्न प्रकार की होली मनाने की अनोखी प्रथाएं.

भारत में विभिन्न जगहों पर विभिन्न प्रकार की होली मनाने की अलग अलग प्रथाएं चली आ रही है. कहीं फूलों से होली खेली जाती है तो कहीं एक दूसरे को पत्थर मार कर होली खेली जाती है. यह तक की जगह ऐसी भी है जहां होली पर आग के अंगारो पर चलने की परंपरा है. सुनने में थोड़ा अजीब जरूर है लेकिन सत्य है.

होली एक ऐसा त्यौहार है जिसे देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. यह भारत का एक प्राचीन और प्रसिद्ध त्यौहार है, जिसे फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. ये न सिर्फ एक रंगो का त्यौहार है बल्कि इसके पीछे प्रेम और एकता का भाव भी छुपा होता है. इस दिन सभी लोग धर्म, जाति और दुश्मनी को भुला कर एक दूसरे को रंग लगाते है और खुशियां बटाते है. लेकिन रंग बिरंगे इस त्यौहार को मानने की देश के विभिन्न जगहों में अलग अलग प्रथाएं है. आइए जानते है भारत के विभिन्न स्थानों में विभिन्न प्रकार की होली मनाने के विविध रीति-रिवाज और प्रथाओं के बारे में.

1. फूलों की होली (वृंदावन) : विभिन्न प्रकार की होली

फूलों की होली (वृंदावन) : विभिन्न प्रकार की होली

वृंदावन की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यह हर साल देश-विदेश से लाखों की तादात में श्रद्धालु होली का आनंद उठाने आते है. इसलिए यह हफ्तेभर पहले से ही होली का जश्न मनाना शुरू हो जाता है. यह रंगो के साथ साथ फूलों की होली भी खेली जाती है, हजारों लाखों फूलों की पंखुड़ियां फेकी जाती है और भक्तों पर बरसाई जाती है जिससे रंगों और सुगंधों का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य उत्पन्न होता है. हवा में गुलाब, गेंदा और अन्य फूलों की मीठी सुगंध घुल जाती है और वातावरण दिव्य उत्साह से भर जाता है.

यह भी पढे:- Hindu Marriage Act 1955: हिंदू विवाह अधिनियम 1955 को बिस्तार से समझे

2. लठमार होली (उत्तरप्रदेश) : विभिन्न प्रकार की होली

लठमार होली (उत्तरप्रदेश) : विभिन्न प्रकार की होली

उत्तरप्रदेश के बरसाना और नंदगाव क्षेत्रों में लठमार होली खेली जाती है. जिसमे महिलाएं एक लाठी के साथ पुरषों का पीछा करती है और उन्हे मारने की कोशिश करती है. पुरुष महिलाओं के वार से बचने के लिए एक ढल का प्रयोग करते है. हंसी मज़ाक भरी इस परंपरा में अगर महिलाओं द्वारा पुरुष पकड़े जाते है या उनकी लाठी पुरषों को लग जाती है तब पुरषों को महिलाओं के कपड़े पहन कर नृत्य करना पड़ता है. लाठमार होली, भगवान श्री कृष्ण को राधा और उनकी सहेलियों द्वारा छेड़ने और परेशान करने का प्रतीक माना जाता है.

3. हंटर होली (हरियाणा) : विभिन्न प्रकार की होली

हंटर होली (हरियाणा) : विभिन्न प्रकार की होली

हरियाणा में मनाई जाने वाली हंटर होली, देवर भाभी के रिश्ते की एक अनोखी परंपरा है. जिसमे देवर अपनी भाभी पर रंग डालने की कोशिश करते है और भाभी कपड़े के बने हंटर या कोरड़े से देवर की खूब पिटाई करती है. हरियाणा के कई क्षेत्रों में होली मनाने की यहां अजीब परंपरा, सैकड़ो साल पुरानी है इसमें छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गो तक महिलाओं से खुशी खुशी कोरड़े खाते है.

यह भी पढे :- International Women’s Day : क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, जानिए इसका इतिहास.

4. पत्थर की राड़ होली (राजस्थान) : विभिन्न प्रकार की होली

पत्थर की राड़ होली (राजस्थान) : विभिन्न प्रकार की होली

राजस्थान के डूंगरपुर जिले में भीलूड़ा गांव में बहुत ही खतरनाक तरीके से होली खेली जाती है. जहां  लोग एक दूसरे को पत्थर मार कर होली खेलते है होली खेलने की इस अनोखी परंपरा में कई लोग घायल भी होते है. हालाकि यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि शरीर से खून बहना शुभ होता है. इस होली को ‘पत्थर की राड़’ नाम से जाना जाता है, जिसका इतिहास करीब 200 साल पुराना है.

5. होला मोहल्ला होली (पंजाब) : विभिन्न प्रकार की होली

होला मोहल्ला होली (पंजाब) : विभिन्न प्रकार की होली

पंजाब के आनंदपुर साहिब में मनाई जाने वाली होली को ‘होला मोहल्ला’ के नाम से जाना जाता है जो कि पूर्णिमा के एक दिन बाद सिखों द्वारा मनाई जाती है. इसकी शुरुआत श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने की थी. असल में होला मोहल्ला सिख योद्धाओं की वीरता और बहादुरी का जश्न मनाने वाला उत्सव है. निहंग, सिख योद्धा पारंपरिक पोषक में तलवारबाजी, घुड़सवारी, मार्शल आर्ट, नाच गाना, आदि कौशल का प्रदर्शन करते है.

6. अंगारों की होली (मध्यप्रदेश) : विभिन्न प्रकार की होली

अंगारों की होली (मध्यप्रदेश) : विभिन्न प्रकार की होली

मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के दो गांव, चंद्रपुरा और महंगवा में कुछ अनोखे तरीके से होली का त्यौहार मनाया जाता है. यह होली दहन के बाद लोग नंगे पैर, जलते हुए अगारों पर चलते है. लेकिन हैरान करके वाली बात ये है कि ऐसा करने से उनके पैर नहीं जलते और ना ही पैरों पर छले पड़ते है. इस अनोखी परंपरा में बच्चो से लेकर महिलाएं और बड़े बुजुर्ग भी हिस्सा लेते है. वर्षो पुरानी इस परंपरा को निभाने के पीछे ग्रामीणों का मानना है कि ऐसा करने से गांव पर किसी भी प्रकार कि कोई अपदा नहीं आती.

7. डोल जात्रा होली (पश्चिम बंगाल) : विभिन्न प्रकार की होली

डोल जात्रा होली (पश्चिम बंगाल) : विभिन्न प्रकार की होली

पश्चिम बंगाल में होली को डोल जात्रा या डोल पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. होली का त्यौहार भगवान श्री कृष्ण और राधा के प्रति उनके दिव्य प्रेम से जुड़ा है इस दिन यहां के लोग भगवान श्री कृष्ण और राधा की मूर्तियों को पालकी में रखकर पूरे शहर में घुमाते है इस दौरान लोग एक दूसरे को रंग लगाते है और नृत्य और संगीत का प्रदर्शन करते है.


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
सिर्फ 7 दिनों में पेट की चर्बी घटाने के आसान उपाय! आयुर्वेदिक तरीके से वजन कैसे कम करें – प्राकृतिक उपाय! 10 आसान घरेलू नुस्खे जो आपके बालों को देंगे नई चमक और ताकत! सर्दियों में स्किन की देखभाल के 10 आसान और असरदार टिप्स त्वचा के लिए 10 जादुई घरेलू नुस्खे जो तुरंत निखार लाएंगे! खून की कमी होने पर क्या खाएं? – 10 सुपरफूड्स जो आपकी सेहत सुधारेंगे कौन हैं सिमरन बुदरूप? | simran budharup शुगर कम होने पर क्या खाएं: जानिए आसान और असरदार उपाय!
सिर्फ 7 दिनों में पेट की चर्बी घटाने के आसान उपाय! आयुर्वेदिक तरीके से वजन कैसे कम करें – प्राकृतिक उपाय! 10 आसान घरेलू नुस्खे जो आपके बालों को देंगे नई चमक और ताकत! सर्दियों में स्किन की देखभाल के 10 आसान और असरदार टिप्स त्वचा के लिए 10 जादुई घरेलू नुस्खे जो तुरंत निखार लाएंगे!