देश में एक बार फिर सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन शुरू हो गया है 13 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली कूच का एलान किया था. इस प्रदर्शन में पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान शामिल है. हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्राली और राशन ले कर अंबाला के शंभू बोर्डर पर प्रर्दशन कर रहे है.
जानिए!
क्यों हो रहा है प्रदर्शन
साल 2021 के किसान आंदोलन की तरह ही इस बार भी किसान अपनी कई मांगों के लिए आंदोलन कर सड़कों पर उतरे है. हालाकि पिछली बार जब किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करके कानूनों को रद्द करने की मांग की थी तब मोदी सरकार को किसानों के आगे घुटने टेकने पड़े थे. अब देखना ये है की क्या इस बार भी सरकार किसानों की मांगो को पूरा करेगी या नहीं.
क्या है किसानों की मांग
इस आंदोलन में किसानों की कई मांगे है जिसमे कर्ज माफ़ी, किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन, लखीमपुरी में किसानों के हत्या करने वाले अपराधियों को सज़ा आदि कई मांगे शामिल है. एक-एक कर विस्तार से जानिए.
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाए.
सभी फसलों पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के लिए एक राष्ट्रीय कानून बनाया जाए.
2. देशभर के किसानों की पूर्ण कार्जमाफी.
किसान चाहते है सरकार देशभर के किसानों और मजदूरों का सारा का सारा कर्जा माफ़ कर दिया जाए.
3. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 लागू हो.
किसानों का कहना है की देशभर में भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को फिर से लागू किया जाए.
4. लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या करने वालो को सक्त सजा मिले.
किसान, अक्टूबर 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए नरसंहार में किसानों की हत्या करने वाले अपराधियों को सक्त से सक्त सजा दी जाने और पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे है
5. WTO के साथ हुए किसान विरोधी समझौते रद्द हो.
किसान चाहते है की भारत, वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) से अलग हो जाए और इसके साथ होने वाले सभी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स रद्द कर दिए जाए.

6. किसानों को हर महीना 10 हज़ार की पेंशन दी जाए.
किसानों और मजदूरों के लिए सरकार एक नई पेंशन स्कीम की शुरुआत करें जिसके तहत सभी किसानों को 60 साल से ऊपर, हर महीने 10 हजार रूपए की पेंशन दी जाए.
7. किसान आंदोलन के मृतकों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए.
2020 और 2021 के किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई थी उनके परिवार को मुआवजा दिया जाए और साथ ही साथ परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए.
8. बिजली संशोधन विधेयक 2020 रद्द हो
बिजली संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
9. मनरेगा में 200 दिन रोजगार गारंटी दैनिक मजदूरी रुपए 700
मनरेगा योजना के तहत हर साल मजदूरी को 100 की वजह 200 दिन रोजगार की गारंटी हो दैनिक मजदूरी को भी यानी रोज की मजदूरी को भी बढ़ा कर 700 रुपए प्रति दिन किया जाए.
10. नकली बीज, कीटनाशक, उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सक्त कार्यवाही की जाए.
नकली बीज, कीटनाशक, उर्वरक बनाने वाली कंपनियों पर सक्त कार्यवाही हो.
11. मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग
मिर्च और हल्दी जैसे घरेलू मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग बनाया जाए.
12. जल, जंगल, जमीन पर मूल निवासी, आदिवासियों के अधिकार सुरक्षित हो.
किसानों की आखिरी मांग है जल, जंगल और जमीन पर मूल निवासियों और आदिवासियों के अधिकार सुरक्षित हो.
निष्कर्ष
लोकसभा चुनाव 2024 अब नज़दीक है और ऐसे में किसानों का ये आंदोलन सरकार पर अपनी मांगों को मनवाने के लिए एक दवाब के रूप में कार्य कर सकता है हालांकि 2021 में हुए किसान आंदोलन करीब 1 साल तक जारी रखने के बाद ही किसानों की मांगो को सरकार द्वारा पूरा किया गया है और इस आंदोलन में करीब 700 किसान की जान भी चली गई थी.