फोबिया (Phobia), ये शब्द आपने फिल्मों में या असल ज़िन्दगी में कई बार सुना होगा. बचपन में हमे कई चीजों से डर लगता है किसी को अंधेरे से डर लगता है, किसी को ऊंचाई से तो किसी को गहरे पानी से डर लगता है. बढ़ती उम्र के साथ कई बार ये डर खत्म हो जाते है और कई बार ओर अधिक बढ़ भी जाते है जो हमारे लिए हानिकारक साबित होते हैं इसी डर को फोबिया कहा है. इसके बारे में अगर आप ओर अधिक जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा पढ़ाई जिसमे आप जानेंगे कि फोबिया क्या है, इसके प्रकार क्या है, इसके लक्षण क्या है ओर भी बहुत कुछ. तो चाहिए शुरू करते है.
जानिए!
फोबिया (Phobia) क्या होता है?
फोबिया, जिसे सामान्य भाषा में ‘डर’ कहा जाता है यह एक मानसिक बीमारी है जिसमे किसी व्यक्ति को किसी चीज, वस्तु, जानवर, स्थान या परिस्थिति से डर लगता है. जब ये डर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है तब ये व्यक्ति के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से हानिकारक साबित होता है. कई बार फोबिया पीड़ित व्यक्ति में डर का लेवल इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि वो व्यक्ति किसी की जान लेने और खुद की जान देने पर मजबूर हो जाता है. फोबिया होने वाले व्यक्ति की कोई उम्र नहीं होती, ये कभी भी और किसी को भी हो सकता है.
असल में फोबिया किसी चीज़ का नहीं बल्कि उससे होने वाले भयानक परिणाम का होता है जैसे अगर किसी व्यक्ति को ओफिडियोफोबिया है, यानी सांपो का डर तो व्यक्ति को ये डर रहता है कि वो उसे काट ना ले.
फोबिया के प्रकार क्या है?
फोबिया के कई प्रकार होते है जिसमे से 10 मुख्य प्रकार के बारे में जानेंगे.
- 1. अरकोनोफोबिया (Arachnophobia): इस प्रकार के फोबिया में व्यक्ति को मकड़ियों से डर लगता है.
- 2. एक्रोफोबिया (Acrophobia): एक्रोफोबिया में व्यक्ति को ऊंचाई से डर लगता है. जैसे किसी ऊंची इमारत से या हवाई जहाज में सफर करने से.
- 3. ओफिडियोफोबिया (Ophidiophobia): ओफिडियोफोबिया एक सामान्य तरह का फोबिया है जिसमे व्यक्ति को सांपों से डर लगता है.
- 4. हीमोफोबिया (Hemophobia): यहां एक प्रकार का गंभीर फोबिया है जिसमे किसी व्यक्ति को खून (blood) से डर लगता है. यहां तक कि खून की एक बूंद भी इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति को बैचेन कर सकती है.
- 5. ग्लोसोफोबिया (Glossophobia): इस प्रकार के फोबिया में लोगो को सार्वजनिक रूप से बोलने में डर लगता है ये फोबिया अधिकतर लोगो में देखा जाता है.
- 6. एक्वाफोबिया (Aquaphobia): पानी से लगने वाले डर को एक्वाफोबिया जाता है इस फोबिया से पीड़ित व्यक्ति को स्विमिंग पुल, बाथटब में जाने से डर लगता है यह ज्यादातर उन लोगो में पाया जाता है जिन्हें तैरना नहीं आता.
- 7. निक्टोफोबिया (Nyctophobia): निक्टोफोबिया का अर्थ है अंधेरे का डर, जो आमतौर पर छोटे बच्चो में पाया जाता है.
- 8. ट्रिपैनोफोबिया (Trypanophobia): कई लोग सुई या इंजेक्शन की छोटी सी चुभन से डरते है सुई का नाम सुनते ही उनकी दिल की धड़कने तेज हो जाती है इसी डर को ट्रिपैनोफोबिया कहा जाता है.
- 9. नोमोफोबिया (Nomophobia): नोमोफोबिया, मोबाइल फोन के बिना रहने या इसका उपयोग करने में असमर्थ होने का डर है जो कि युवाओं और बच्चों में पाया जाता है.
- 10. ज़ोफ़ोबिया (Zoophobia): ज़ोफ़ोबिया का अर्थ है जानवरों का डर. कई लोगो को कुत्ते, बिल्ली या कीड़े मकोड़े से डर लगता है इसे ही ज़ोफ़ोबिया कहा जाता है.
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फोबिया किस कारण से होता है?
अक्सर फोबिया बचपन में घटी दर्दनाक या डरावनी घटनाओं से शुरू होता है. इन घटनाओं की यादें ही आगे चलकर फोबिया बन जाती है. उदहारण के तौर पर समझे तो जैसे बचपन में किसी बच्चे को कुत्ते ने कट लिया, और वो बच्चा घायल हो गया हो. इसके बाद जब-जब वो बच्चा किसी भी कुत्ते को देखगा तब-तब उसके मन में वो दर्दनाक घटना का खयाल आएगा, और हो सकता है ये उसके जीवनभर का डर बन जाए.
फोबिया के लक्षण क्या है?
फ़ोबिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और अलग-अलग तरीकों से प्रकट हो सकते हैं. यहां फ़ोबिया से जुड़े कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं:
- 1. तीव्र भय या चिंता: जिस चीज से व्यक्ति को डर लगता है और जब उस चीज का सामना करना पड़ता है तब फोबिया से पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक भय या चिंता का अनुभव करते हैं.
- 2. पैनिक अटैक: कई गंभीर मामलों को डर का सामना करने पर व्यक्ति को पैनिक अटैक आ सकता है जिसमें दिल की धड़कने तेज होना, पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ़ होना, चक्कर आना या फिर कंपकंपी होने जैसे लक्षण दिखाई देते है.
- 3. बचने के कोशिश: फोबिया से ग्रस्त व्यक्ति हर वो संभव प्रयास करता है जिससे उसे उस भयभीत वस्तु या परिस्थिति का सामना ना करना पड़े जिससे वो डरता है.
- 4. चेहरे के भाव बदलना: किसी तीव्र डर का अनुभव करने के दौरान चेहरे के भाव बदलना जैसे चेहरा पीला पड़ जाना या चेहरे पर पसीना आना, फोबिया का लक्षण है.
- 5. कार्य करने में कठिनाई: दैनिक कामकाज के दौरान, किसी डर को लेकर बैचेनी और चिंता होना, फोबिया का लक्षण है.
- 6. भ्रम होना: फोबिया के गंभीर मामलों में कई बार अलग-अलग आवाजें सुनाई देना और ऐसा बार बार महसूस होना जैसी समस्याएं हो सकती है.
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क्या फोबिया का इलाज हो सकता है?
आज के समय में लगभग हर बीमारी का इलाज संभव है, बात करे फोबिया के इलाज की तो डॉक्टर्स द्वारा और थेरेपी से फोबिया पर नियंत्रण पाया जा सकता है.
इसके अलावा मनोवैज्ञानिक तरीके से फोबिया को खत्म किया जा सकता है, इसका सबसे बेहतर उपाय है अपने भीतर आत्मविश्वास पैदा करना और डर को अपने दिलों दिमाग से दूर करना. अपने मन को शांत रखने के लिए उचित विश्राम करें, खुद को कामकाज में व्यस्त रखें और सकारात्मक सोच रखें.
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