लाल बहादुर शास्त्री: भारत के सच्चे सेवकभारत के दूसरे प्रधानमंत्री, जिन्होंने अपने सरल जीवन और दृढ़ नेतृत्व से देश को एकजुट रखा।
साधारण शुरुआत1904 में मुगलसराय में जन्मे, शास्त्री जी का बचपन गरीबी में बीता। शिक्षा के लिए उन्होंने कठिन संघर्ष किया।
स्वतंत्रता संग्राम में योगदान युवावस्था में ही शास्त्री जी ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। जेल यात्राएं भी सहन कीं।
कुशल नेता और प्रशासक स्वतंत्रता के बाद शास्त्री जी ने मंत्री पदों पर रहते हुए रेलवे, परिवहन और खाद्य आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में कुशल नेतृत्व दिया।
जय जवान जय किसान का नारा 1965 के युद्ध के दौरान शास्त्री जी ने प्रसिद्ध नारा "जय जवान जय किसान" दिया, जिसने राष्ट्र की भावना को जगाया।
हरित क्रांति के जनक भारत को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए शास्त्री जी ने हरित क्रांति की नींव रखी।
शांति के दूत1966 में भारत-पाक युद्ध के बाद शास्त्री जी ने ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर कर शांति स्थापित करने का प्रयास किया।
एक राष्ट्र का शोक 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में शास्त्री जी का निधन हुआ। पूरे राष्ट्र ने शोक मनाया।
विरासत शास्त्री जी ने अपने सरल जीवन, दृढ़ नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति से भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा.
विरासत शास्त्री जी ने अपने सरल जीवन, दृढ़ नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति से भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विरासत को हमेशा याद रखा जाएगा.