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लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से किया जायेगा सम्मानित : अटल बिहारी वाजपेयी के बाद ये सम्मान पाने वाले दूसरे भाजपा नेता.

लालकृष्ण आडवाणी
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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद, लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बधाई देने हुए इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने लिखा – ‘मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है की लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा’. आगे उन्होंने लिखा ‘वे हमारे समय के सबसे सम्मानित स्टेट्समैन है, देश के विकास के लिए उनका योगदान कोई भूल नहीं सकता. उन्होंने जमीनी स्तर से काम शुरू किया था और वे देश के उपप्रधानमंत्री पद तक पहुंचे, वे देश के गृहमंत्री और सूचना-प्रसारण मंत्री भी है. उनकी संसदीय कार्यशैली हमेशा आदरणीय रहेगी.

पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट के कहा – ‘सार्वजनिक जीवन में आडवाणी जी दशकों तक पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्ध रहे. उन्होंने राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया है. उन्होंने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं. उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है. मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत मौके मिले.’

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बाद, आडवाणी भाजपा के दूसरे नेता है जिन्हे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. अब तक 49 नागरिकों को भारत रत्न दिया जा चुका है, आडवाणी इस सम्मान को पाने वाले 50वें नागरिक होंगे.

2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था

इससे पहले में आडवाणी को देश के दूसरे नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है.

लालकृष्ण आडवाणी का परिचय

लाल कृष्ण आडवाणी एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका जन्म 8 नवंबर 1927 में कराची में हुआ था, उस समय कराची भारत का ही हिस्सा था.

राजनीतिक करियर

आडवाणी के राजनीतिक कैरियर पर नजर डाले तो
आडवाणी को दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ जुड़ाव के लिए जाना जाता है. 1950 के दशक में वह आरएसएस की राजनीतिक शाखा, भारतीय जनसंघ (बीजेएस) में शामिल हुए और बाद में पार्टी के एक प्रमुख नेता बन गए। BJS अंततः भाजपा में विकसित हुई.

उन्हें राजनीतिक करियर में विभिन्न भूमिकाएं निभाते हुए देखा गया है वे कई बार संसद के सदस्य के रूप में चुने गए है और भारत सरकार में कई मंत्री पदों पर रहे है. उन्होंने 2002 से 2004 तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अधीन भारत के उप प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया.

राम जन्मभूमि के लिए दिया योगदान

लालकृष्ण आडवाणी ने राम जन्मभूमि आंदोलन भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. 1990 में राम मंदिर के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए आडवाणी में एक राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा का नेतृत्व किया. इस आंदोलन और उसके बाद 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस का भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव पड़ा. आडवाणी को उनकी राजनीतिक कुशलता और रणनीतिक दूरदर्शिता के लिए पहचाना जाता है.

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