“आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में एक धार्मिक समारोह के दौरान घोषित हुई केदारनाथ धाम के कपाटों की खुलने की तिथि। यह समाचार भक्तों के लिए अत्यंत प्रसन्नता का कारण बना है, क्योंकि इससे उन्हें लंबे समय के इंतजार के बाद बाबा केदार के दर्शन करने का अवसर मिलेगा। इस वर्ष, 10 मई को सुबह 7 बजे से भक्तों को केदारनाथ धाम में अपने आशीर्वाद प्राप्त करने का मौका मिलेगा।
यहां बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट साल में केवल 6 महीने खुले रहते हैं, और इस अवधि के दौरान भक्त अपनी पूजा-अर्चना को समर्पित करते हैं। बाकी 6 महीने के लिए, धार्मिक अनुष्ठान को ओंकारेश्वर मंदिर में स्थानांतरित किया जाता है। वर्ष में महाशिवरात्रि के दिन को कपाट खुलने की घोषणा की जाती है, जो भक्तों के लिए एक बड़ी खुशी का संकेत होती है।
यात्रियों के लिए, कई सुविधाएं उपलब्ध हैं। हेलीकॉप्टर सेवा से यात्रा करने का विकल्प है, जो केदारनाथ धाम को आसानी से पहुंचने का माध्यम प्रदान करता है। पैदल यात्रा भी एक विकल्प है, जिससे यात्रा को एक धार्मिक और अनुभव भरी यात्रा बनाया जा सकता है। इसके अलावा, राजमार्ग सेवा और पालकी सेवा भी उपलब्ध हैं।
केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी सुरक्षा और सामग्री की अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए। सही तरह के डॉक्यूमेंट्स, गर्म कपड़े, बर्फीले क्षेत्रों के लिए सहारे की चीजें, और मेडिकल किट सहित आवश्यक वस्त्र साथ लेना महत्वपूर्ण है।
इस दिव्य यात्रा के दौरान, भक्तों को ध्यान और आदर के साथ अपना स्वागत करते हुए, बाबा केदार की कृपा और आशीर्वाद का अनुभव होगा।”
“महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाटों की खुलने की तिथि की घोषणा के साथ ही भक्तों में अत्यंत उत्साह और आनंद की भावना उत्पन्न हुई है। इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में एक अत्यधिक उत्सव का माहौल महसूस हो रहा है।
केदारनाथ धाम को प्राप्त करने के लिए यात्रियों को कई विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें हेलीकॉप्टर सेवा, पैदल यात्रा, राजमार्ग सेवा, और पालकी सेवा शामिल हैं। यहाँ भक्तों को अपनी पसंद के अनुसार यात्रा करने का मौका मिलता है।
यात्रियों को अपनी सुरक्षा और सामग्री की चिंता करते हुए यात्रा की योजना बनानी चाहिए। वे उचित गर्म कपड़े, रेन कोट, सहारे की चीजें, और मेडिकल किट लेकर यात्रा के लिए तैयार रहें।
इस अद्भुत पर्व के दौरान, भक्तों को ध्यान और आदर के साथ बाबा केदार की प्रासाद का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। यह अनुभव सदैव उनकी जीवन में एक अद्वितीय यादगार बनेगा।”
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