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भारतीय अंतरिक्ष का इतिहास रचते हुए ‘पुष्पक’ का धमाकेदार लॉन्च!

भारतीय रक्षणीय लॉन्च व्हीकल पुष्पक का उद्घाटन जानें इसकी खासियतें और उपयोग
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पुष्पक : सफलता की कहानी

कर्नाटक: आज सुबह, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कर्नाटक के एक रनवे पर भारत का 21वीं सदी का विमान, पुष्पक, को सफलतापूर्वक लैंड किया। पुष्पक को “स्वदेशी अंतरिक्ष शटल” कहा जाता है और इसकी लैंडिंग को एक बड़ा मील का पत्थर माना जा रहा है।

मिशन की सफलता

पुष्पक की विशेषताएं

विशेषतापुष्पक
लॉन्च व्हीकल प्रकाररीयूजेबल लॉन्च व्हीकल
लॉन्च वजन1.75 टन
उच्चता6.5 मीटर
लॉन्च प्रणालीहेलीकॉप्टर से ड्रॉप
उपयोगअंतरिक्ष में सैटेलाइट्स और कार्गो के लिए
प्रमुख उद्देश्यरी-यूजेबल और लो कॉस्ट लॉन्च व्हीकल
स्वदेशीतापूर्णतः स्वदेशी

रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल: pushpak भारत के भविष्य का री-यूजेबल लॉन्च व्हीकल है और इसे सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाकर री-यूजेबल बनाया जाता है।

भविष्य की दिशा

भविष्य की तैयारी

विश्व परिस्थितियों में अग्रणी भूमिका:

पुष्पक के इस प्रयास से भारत विश्व में अंतरिक्ष क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससे भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक मान्यता प्राप्त कर रहा है। यह विमान स्पेस एजेंसियों के बीच सहयोग और अनुसंधान में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

भारत ने अंतरिक्ष क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है, जो देश की ताकत और साहस का प्रतीक है। पुष्पक ने अगले कदमों की दिशा में भारत को एक नई ऊंचाई प्रदान की है और आने वाले समय में विश्व की अंतरिक्ष यात्रा में भी महत्वपूर्ण योगदान करेगा।


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