ज्ञानवापी केस:
वाराणसी की जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में बड़ा फैसला दिया है इस फैसले के तहत अब हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया है.इसके साथ ही कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेटिंग में सात दिन व्यवस्था कराने का आदेश भी दिया है
ये तहखाना ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे है, जहां अब काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से नियमित पूजा अर्चना करवाई जायेगी.
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4 महीने बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला
ज्ञानवापी परिसर के तहखाना में पूजा करने की मांग याचिका शैलेंद्र कुमार पाठक द्वारा दायर की गई थी यह याचिका आज से करीब चार महीने पहले 25 सितंबर 2023 को की गई थी, जिसपर आज फैसला लिया गया है.ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में 1993 से पहले सोमनाथ व्यास पूजा पाठ किया करते थे.हालांकि, बाद में पूजा पाठ बंद हो गई थी.
बता दे की 25 जनवरी को ASI सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया था जिसमे परिसर के भीतर कई देवी देवताओं की मूर्तियां मिली थी. रिपोर्ट में पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य का जिक्र किया गया है. मस्जिद परिसर के अंदर ‘महामुक्ति मंडप’ नाम का एक शिलापट भी मिला था.
हिंदू पक्ष:
हिंदू पक्ष ने इस फैसले को बड़ी जीत माना है और 31 सालो बाद न्याय का दावा किया है इसके साथ ही इस मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा की पूजा सात दिनों के भीतर शुरू होगी.
फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा:
मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के वकील अखलाक अहमद ने इस फैसले को गलत बताते हुए हाईकोर्ट तक जाने के बात की है






