झारखंड में चल रहे पॉलिटिक्स ड्रामा आखिरकार अब कर खत्म हो चुका है, हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद आज (शुक्रवार 2 फरवरी) चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री की शपथ ली, उनके साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपद ली.
राजपाल सीपी राधाकृष्ण ने उन्हें शपत दिलाई. झारखंड में 23 सालों के 11 सीएम बदले गए जिनमें अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन इनमें से केवल रघुवर दास ही एकमात्र ऐसे सीएम है जिन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन को ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता है उन्होंने 1990 के दशक में अलग झारखंड राज्य के लिए चली लंबी लड़ाई के योगदान दिया था. वे हेमंत सोरेन की सरकार में परिवहन मंत्री थे.
चंपई सोरेन ने 1991 में सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक चुने जाने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की.
सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराई हेमंत सोरेन की याचिका
झारखंड के पूर्ण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका लगा है आज सुबह कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनसे कहा – आपको पहले हाईकोर्ट जाना चाहिए था, हम एक व्यक्ति को अनुमति देंगे तो सभी को देनी होगी. जांच एजेंसी ने सोरेन को 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था.