सर्वाइकल कैंसर

सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के निचले हिस्से में मुख्य रूप से वायरल इंफेक्शन HPV (Human Papillomavirus) के कारण होता है। जब यह वायरस महिला के शरीर में प्रवेश करता है, तो यह गर्भाशय के ऊतकों को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक अनदेखा करने पर, यह इंफेक्शन कैंसर का कारण बन सकता है।
आम तौर पर cervical dysplasia कहलाता है, जो कि पहली स्टेज है, फिर दूसरी स्टेज cervical intraepithelial neoplasia (CIN) और आखिर मे सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) तक पहुँच सकता है। शुरुआती चरण में, लक्षण आमतौर पर अनुपस्थित होते हैं, इसलिए नियमित पैप स्मीयर टेस्ट और HPV टेस्ट जरूरी होते हैं जो समय पर इलाज की ओर संकेत कर सकते हैं। अगर सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है, तो डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक होता है।
इस लेख मे
मुख्य कारण
सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक HPV (Human Papillomavirus) इंफेक्शन है, जो ज़्यादातर मामलों में सेक्सुअल संबंधों के माध्यम से होता है। वायरस के कुछ प्रकार सर्वाइकल कैंसर के विकास में अधिक जोखिम लेते हैं।
- 1. तंबाकू उपयोग: धूम्रपान और खाने में तंबाकू का उपयोग सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
- 2. अनियमित यौन जीवनशैली: बहुत सारे साथी, अनियमित यौन गतिविधियाँ, और अधिक साथियों के साथ सेक्स करना सर्वाइकल कैंसर के लिए जोखिमों का कारण बन सकता है।
- 3. इम्यून सिस्टम की कमजोरी: कमजोर इम्यून सिस्टम सर्वाइकल कैंसर के विकास में एक बड़ा कारक हो सकता है।
बचाव और महत्वपूर्ण उपाय
- 1. वैक्सीन: HPV इंफेक्शन से बचाव के लिए HPV वैक्सीन लेना जरूरी है, जो कि लड़कियों और युवतियों के लिए उपलब्ध है।
- 2. नियमित डेटिंग और सुरक्षित सेक्स: सुरक्षित सेक्सुअल गतिविधि करना, नियमित डेटिंग पार्टनर बदलने से बचना, और कंडोम का प्रयोग करना भी सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
- 3. नियमित पैप स्मीयर टेस्ट: नियमित अंतराल पर पैप स्मीयर टेस्ट करवाना और HPV टेस्ट करवाना सर्वाइकल कैंसर के लिए स्क्रीनिंग का एक महत्वपूर्ण उपाय है।
- 4. नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार: स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जैसे कि नियमित व्यायाम करना और स्वस्थ भोजन करना, भी सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।