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अरविंद केजरीवाल को मोदी सरकार का एक और समन!

अरविंद केजरीवाल
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अरविंद केजरीवाल को समन भेजने की घटना

देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अब हाल ही में एक विवाद में फंसने का सामना करना पड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) में कथित अनियमितता से जुड़े एक मामले में सीएम केजरीवाल को अलग से समन भेजा है। यह मामला दिल्ली शराब घोटाला की तरह मनी लॉन्ड्रिग से जुड़ा है।

ईडी के कदम

जांच एजेंसी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 18 मार्च 2024 को पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि ईडी की ओर से नए मामले में भेजा गया समन सीएम केजरीवाल को गिरफ्तार करने का बैकअप प्लान है। इस मामले में जांच एजेंसी ने उन्‍हें सोमवार को पेश होने का निर्देश दिया है।

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प्रश्नों के चरण

मनी लॉन्ड्रिग रोकथाम कानून के तहत आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ यह दूसरा मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले दिल्ली की निरस्‍त आबकारी कानून मामले में भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिग का केस दर्ज किया गया है।

आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया

केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने कहा कि ईडी की ओर से शनिवार शाम को एक और समन भेजा गया है। उन्हें दिल्‍ली जल बोर्ड से जुड़े मामले की जांच में शामिल होने को कहा गया है।

नागरिकों की चिंताएं

दिल्ली के नागरिकों को इस मामले में गहरी चिंता है क्योंकि यह न केवल उनके मुख्यमंत्री की छवि को हानि पहुंचा रहा है, बल्कि उनके लिए शहर की प्रशासनिक स्थिति को भी दुश्चिंता का कारण बन रहा है। एक तरह से, यह इस बात का प्रमाण है कि सत्ता के कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए उन्हें धोखा दे सकते हैं और इससे नागरिकों को निराशा का सामना करना पड़ता है।

संविधानिक प्रक्रिया की महत्वता

इस मामले में सामाजिक न्याय और विश्वासनीयता के मामले पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। सरकारी एजेंसियों के काम का संविधान निर्धारित करता है और इसका पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इसलिए, सीएम केजरीवाल को अपनी पकड़ को बनाए रखने के लिए संविधानिक प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता है।

शहर के भविष्य का संदेह

इस मामले में उठी सभी उलझनों के बावजूद, दिल्ली के नागरिकों को शहर के भविष्य की चिंता है। क्या यह संविधानिक प्रक्रिया के बिना अधूरा रहेगा? क्या यह मामला न्यायिक दृष्टिकोण से संविधान के अंतर्गत होने वाले हैं? ये सभी सवाल उठते हैं और नागरिकों के मन में उनके मुख्यमंत्री के प्रति विश्वास को गहराते हैं।

उत्तराधिकारिता की मांग

इस चिंताजनक स्थिति में, नागरिकों की उत्तराधिकारिता की मांग उच्च है। वे इस मामले की स्पष्टता और सत्यनिष्ठता की मांग करते हैं ताकि न्याय और सच्चाई की विजय हो सके।

शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दिल्‍ली की निरस्‍त आबकारी नीति अनियमितता मामले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) सीएम अरविंद केजरीवाल को 9वीं बार समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। जांच एजेंसी ने उन्‍हें 21 मार्च 2024 को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इस बार भी दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए ED के समक्ष पेश होते हैं या नहीं, इसे देखने की उत्सुकता बनी रहेगी।


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