“मैं अटल हूं” ये फिल्म आज यानी शुक्रवार 19जनवरी 2024 को बड़े पर्दे पर रिलीज़ हो गई है, ये फिल्म अटल बिहारी बाजपाई जी की रियल स्टोरी पर आधारित है , इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाया है पंकज त्रिपाठी ने. पंकज त्रिपाठी जी अटल जी के किरदार में बहुत अच्छे से घुले हुए है और उनका प्रदर्शन और एक्टिंग काबिलियत तारीफ हैं. इस फिल्म में अटल जी की लवस्टोरी को भी दिखाया गया हैं.
इस मूवी को आपको जरूर देखना चाहिए, इस फिल्म में अटल बिहारी जी के साथ देश की कहानी को दिखाया गया है. पूरी मूवी में कभी आपको बोर फील हो ही नही सकता.
इस फिल्म में अटल बिहारी बाजपाई जी के बचपन को दिखाया है , फिर वो बड़े होते है उन्होंने आजादी में क्या योगदान दिया वह दिखाया गया है, ISS उनकी भूमिका, 1962 की लड़ाई में अटल जी, 1965 में उनका योगदान, अटल जी लाल बहादुर शास्त्री से मिलते है, इंद्र गांधी को भी इस फिल्म में दिखाया है. इस मूवी में अटल की पर्सनल और पॉलिटिकल लाइफ दोनो को दिखाया है
फिल्म की कहानी शॉर्ट में समझिए
फिल्म के शुरू में कारगिल में पाकिस्तान की घुसपेठ को दिखाया है , जब अटल जी भारत के प्रधानमंत्री है, फिर उनके बचपन को दिखाते है , अटल जी को उनके परिवार वाले अटला कहते है ऐसे ही कहानी चलती है फिर अटल जी कानपुर चले जाते है उनकी वकालत की पढ़ाई करने के लिए जहां में उनके पिता के साथ एक ही हॉस्टल के कमरे में रहते है दोनो में बहुत दोस्ती दिखाई है, वही अटल जी एक पार्टी से जुड़ जाते है और उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हो जाती है फिल्म में कारगिल युद्ध, अटल बिहारी जी की लाहौर यात्रा को दिखाया है, पोखरण न्यूक्लियर परिक्षण को दिखाया गया है. और उनकी पूरी राजनीतिक जिंदगी को दिखाने का प्रयास किया है.
अटल बिहारी जी कोन थे? जानिए!
भारतीय राजनीति के दिग्गज अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने उल्लेखनीय नेतृत्व से देश पर अमिट छाप छोड़ी। 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे, वह एक राजनेता, वक्ता और कवि के रूप में उभरे।
वाजपेयी ने अपनी राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य के रूप में शुरू की और बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठन और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक विरासत के सिद्धांतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उनकी राजनीतिक विचारधारा को परिभाषित किया। भारत के तीन बार प्रधान मंत्री रहे, महत्वपूर्ण समय के दौरान वाजपेयी के नेतृत्व ने उनकी नेता कौशल का प्रदर्शन किया।
1998 में पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों ने मजबूत रक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया और उनकी सरकार के आर्थिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने से उदारीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी अपने समावेशी दृष्टिकोण, भारत के विविध सांस्कृतिक ताने-बाने को एकजुट करने के प्रयास के लिए जाने जाते थे। उनकी सरकार की नीतियों का उद्देश्य आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे के विकास और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देना रहा।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना एक जुड़े हुए और समृद्ध भारत के लिए उनके दृष्टिकोण का प्रमाण है। राजनीति से परे, वाजपेयी वाक्पटुता के कवि थे। उनकी साहित्यिक प्रतिभा ने उनके व्यक्तित्व में एक अनोखा आयाम जोड़ा, जो संवेदनशीलता और गहराई को दर्शाता है। बुद्धि से भरपूर उनके भाषण पूरे देश में लोगों को पसंद आए।
1999 में लाहौर की ऐतिहासिक बस यात्रा भारत और पाकिस्तान के बीच शांति को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों का प्रतीक थी।
2018 में उनके निधन से जैसे एक युग का अंत हो गया और उनके योगदान के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र पीछे छूट गया। उनकी नेतृत्व शैली, सर्वसम्मति-निर्माण और दूरदर्शी दृष्टि से चिह्नित, पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है, जिससे वह भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन जाते हैं।