प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित ऐंचोड़ा कंबोह में श्री कल्कि धाम का शिलान्यास किया। इस मौके पर कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम, सीएम योगी आदित्यनाथ व साधु-संत मौजूद थे। पीएम मोदी ने गर्भगृह में पूजा-अर्चना की और जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “नए युग की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें संतों और जनता का साथ है।”
पीएम ने कहा, “संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र कल्कि धाम की आधारशिला रखी जा रही है। कल्कि धाम भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभर कर सामने आएगा।”
जानिए!
पीएम ने देशवासियों और विश्व के श्रद्धालुओं से आशीर्वाद मांगते हुए कहा, “मैं इसके लिए सभी देशवासियों को और विश्व के सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देता हूं।”

पीएम ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि कई अच्छे काम उनके पूर्वजों ने किए हैं, जो आज उनके लिए स्मृति बने हैं। “आगे भी जितने भी अच्छे काम रह गए हैं उसके लिए बस संतों और जनता का आशीर्वाद बना रहे, उसे भी पूरा करेंगे,” उन्होंने जोड़ते हुए कहा।
पीएम ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को बधाई देते हुए कहा, “आज संभल में जिस अवसर के साक्षी बना रहे हैं, यह भारत के सांस्कृतिक नवजागरण का एक और अद्भुत चरण है।”
महत्वपूर्ण बातें:
- पीएम मोदी ने संबोधन में भारतीय आस्था के इस नए विराट केंद्र का महत्व बताया।
- उन्होंने बताया कि यह धाम धार्मिक साधना और जनमानस की भावना को एकत्रित करेगा।
- मोदी ने देशवासियों और विश्व के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी।
पीएम मोदी की मुख्य बातें:
- मोदी ने कहा कि संतों और जनता का आशीर्वाद हमेशा कार्यों की प्रेरणा बना रहेगा।
- उन्होंने संभल में नए सांस्कृतिक नवजागरण के बारे में भी बात की।
- मोदी ने 22 जनवरी को नए कालचक्र की शुरुआत हो चुकी घोषित की और रामलाल के विराजमान होने से भारत के लिए नए संभावनाओं की बात की।
सांस्कृतिक संदेश:
- मोदी ने धार्मिक साहित्य में भगवान कल्कि के अवतार के महत्व को बताया।
- उन्होंने शिवाजी महाराज की जयंती को भी याद किया और उनके साथ सांस्कृतिक पुनरोदय के महत्व को साझा किया।
उद्देश्य:
- पीएम मोदी ने बताया कि इस सांस्कृतिक नवजागरण का उद्देश्य धर्मिक और सामाजिक सहिष्णुता को बढ़ावा देना है।
- वे देशवासियों को साथ लेकर उनकी नई यात्रा में हमेशा साथ खड़े रहने का आह्वान किया।
आज है क्षत्रपति शिवाजी जयंती: भारतीय इतिहास के महान शूरवीर की याद में